12 Houses in Astrology and Their Lords in Hindi

12 Houses in Astrology and Their Lords in Hindi – बारह राशियां और उनके स्वामी Twelve Rashies and their Lords

कुंडली में कौन सा घर किस ग्रह का होता है? कुंडली में ग्रहों के घर और कुंडली में 12 भाव के स्वामी. Know the Lord Of 12 Houses in Astrology.
ग्रहभाव
सूर्यप्रथम, नवम, दशम
चंद्रमाचतुर्थ
मंगलतृतीय, षष्टम
बुधचतुर्थ, दशम
बृहस्पतिद्वितीय, पंचम, नवम, दशम, एकादश
शुक्रसप्तम, द्वादश
शनिषष्टम, अष्टम, दशम

Sumary: सूर्य प्रथम- नवम और दशम स्थान पर, चंद्रमा- चतर्थ, मंगल- तृतीय और षष्टम, बुध- चतुर्थ और दशम, बृहस्पति- द्वितीय, पंचम, नवम, दशम और एकादश, शनि- षष्टम, अष्टम और दशम स्थान पर कुंडली में विराजमान रहते हैं।

ग्रहस्वामित्व राशिउच्च राशिनीच राशि
सूर्यसिंहमेषतुला
चंद्रमाकर्कवृषभवृश्चिक
मंगलमेष, वृश्चिकमकरकर्क
बुधमिथुन, कन्याकन्यामीन
गुरुधनु, मीनकर्कमकर
शुक्रवृषभ, तुलामीनकन्या
शनिमकर, कुंभतुलामेष
राहुमिथुनधनु
केतुधनुमिथुन
  1. सूर्य ग्रह मेष राशि में उच्च स्थान पर विराजमान होते हैं तो वहीं तुला राशि में नीच पर होते हैं।
  2. चंद्र ग्रह वृषभ राशि में उच्च स्थान पर विराजमान होते हैं तो वहीं वृश्चिक राशि में नीच स्थान पर होते हैं।
  3. मंगल ग्रह मकर राशि में उच्च स्थान पर विराजमान होते हैं तो वहीं कर्क राशि में नीच पर होते हैं।
  4. बुध ग्रह कन्या राशि में उच्च स्थान पर विराजमान होते हैं तो वहीं मीन राशि में नीच पर होते हैं।
  5. बृहस्पति ग्रह कर्क राशि में उच्च स्थान पर विराजमान होते हैं तो वहीं मकर राशि में नीच पर होते हैं।
  6. शनि ग्रह तुला राशि में उच्च स्थान पर विराजमान होते हैं तो वहीं मेष राशि में नीच पर होते हैं।
  7. राहु वृषभ राशि में उच्च स्थान पर विराजमान होते हैं तो वहीं वृश्चिक राशि में नीच पर होते हैं।
  8. केतु वृश्चिक राशि में उच्च स्थान पर विराजमान होते हैं तो वहीं वृषभ राशि में नीच पर होते हैं।

Lord Of 12 Houses In Astrology

  1. Maish (Aries) – Mangal (Mars)
  2. Vrish (Taurus)  – Shukra (Venus)
  3. Mithun (Gemini) – Budh (Mercury)
  4. Kark (Cancer) – Chandra (Moon)
  5. Singh (Leo) – Surya (Sun)
  6. Kanya (Virgo) – Budh (Mercury)
  7. Tula (Libra) – Shukra(Venus)
  8. Vrishchik (Scorpio) – Mangal (Mars)
  9. Dhanu (Sagittarius) – Guru (Jupiter)
  10. Makar (Capricorn) – Shani (Saturn)
  11. Kumbh (Aquarius) – Shani (Saturn)
  12. Meen (Pisces) – Guru (Jupiter)

बारह राशियां और उनके स्वामी Twelve Rashies and their Lords

मेष राशि Aries/Mesh rashi

मेष राशि के स्वामी मंगल देवता हैं । मंगल को देवताओं का सेनापति भी कहा जाता है । यह मंगल देवता की मूल त्रिकोण राशि है । पूर्व दिशा पर इस राशि का स्वामित्व है । मेष राशि से मस्तक का विचार किया जाता है ।

वृष राशि Taurus/Vrish rashi

वृष राशि के स्वामी शुक्र देवता हैं । इन्हें दैत्य गुरु भी कहा जाता है । यह राशि दक्षिण दिशा की स्वामिनी है । वृष राशि से चेहरे और कपोलों की जानकारी प्राप्त होती है ।

मिथुन राशि Gemini/Mithun rashi

मिथुन राशि के स्वामी बुद्ध देव हैं । इन्हें राजकुमार भी कहते हैं । इसका स्वामित्व पश्चिम दिशा पर है । इस राशि से जातक के कन्धों व् बाहों का विचार किया जाता है ।

कर्क राशि Cancer/Kark rahi

कर्क राशि के स्वामी चंद्र देव हैं । यह राशि उत्तर दिशा की स्वामिनी है । इसे जातक का मन या माता भी कहा जाता है । इससे जातक/जातिका के वक्षस्थल, गुर्दों व् खून की रवानगी का विचार किया जाता है ।

सिंह राशि Leo/Singh rashi

सिंह राशि के स्वामी सूर्य देव हैं । पूर्व दिशा पर इसका आधिपत्य है । इन्हें सभी ग्रहों का राजा कहा जाता है । इस राशि से ह्रदय अथवा दिल के बारे में जानकारी प्राप्त की जाती है ।

कन्या राशि Vergo/Kanya raashi

कन्या राशि के स्वामी बुद्ध देव हैं । दक्षिण दिशा पर इस राशि का अधिपत्य है । यह बुद्ध देवता की मूल त्रिकोण राशि है । कन्या राशि से पेट अथवा पेट से सम्बंधित बीमारी का विचार किया जाता है ।

तुला राशि Libra/Tula rashi

तुला राशि के स्वामी शुके देवता हैं । यह राशि पश्चिम दिशा की स्वामिनी है । यह शुक्र देव की मूल त्रिकोण राशि है । तुला राशि से इंटरनल सेक्स ऑर्गन्स को विचार जाता है ।

वृश्चिक राशि Scorpio/Vrishchik raashi

वृश्चिक राशि के स्वामी मंगल देवता हैं । यह उत्तर दिशा की स्वामिनी है । इस राशि से एक्सटर्नल सेक्स ऑर्गन्स का विचार किया जाता है ।

धनु राशि Sagittarius/Dhanu rashi

धनु राशि के स्वामी वृहस्पति देव हैं । इन्हें देवगुरु भी कहा जाता है । यह पूर्व दिशा की स्वामिनी है । धनु गुरु की मूल त्रिकोण राशि है । इस राशि से जंघाओं का विचार किया जाता है ।

मकर राशि Capricorn/Makar rashi

मकर राशि के स्वामी शनि देव हैं । इन्हें न्याय के देवता भी कहा जाता है और दास भी । यह दक्षिण दिशा की स्वामिनी है । इसके द्वारा घुटनो को विचार जाता है ।

कुम्भ राशि Aquarius/Kumbh raashi

कुम्भ राशि के स्वामी भी शनि देव हैं । यह पश्चिम दिशा की स्वामिनी है । यह शनि देव की मूल त्रिकोण राशि है । इससे घुटनों से लेकर पाँव का विचार किया जाता है ।

मीन राशि Pisces/Meen rashi

मीन राशि के स्वामी गुरु देव हैं । यह उत्तर दिशा की स्वामिनी है । इस राशि से जातक/जायिका के पाओं का विचार किया जाता है ।

इन बारह राशिओं को एक बार ध्यान से पढ़ लें । ध्यान दें मेष और वृश्चिक के स्वामी मंगल, वृष और तुला के शुक्र, मिथुन व् कन्या के बुद्ध, कर्क के चंद्र, सिंह राशि के स्वामी सूर्य, धनु व् मीन के गुरु तथा मकर, कुम्भ राशि के स्वामी शनि देव हैं । अगले आर्टिकल में थोड़ा और आगे बढ़ेंगे थोड़ा और जानेंगे । तब तक के लिए नमस्कार ।